Best 5 Yoga Asanas to help You Cure Piles ( बवासीर) at Home in Hindi: योग का अभ्यास करने से किसी भी उम्र के लोगो को बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं और वह उनके लिए अनुकूल होता है।योग वृद्धावस्था तक स्वस्थ रहने का एक चमत्कारी रहस्य है।
पाइल्स के लिए योग एक अत्यंत लाभकारी चिकित्सा है क्योंकि यह मांसपेशियों को फैलाता है और लम्बे समय से चल रहे दर्द में राहत दिलाता है। बवासीर के लिए योग के बहुत सारे सुझाव हैं।योग द्वारा कई शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं जैसे दिमाग़ को मज़बूती मिलती है, शरीर में लचीलापन आता है,सहनशक्ति और ताकत बढ़ती है।
इसलिए, बवासीर को ठीक करने के लिए योग, बवासीर को प्रभावी रूप से खराब होने से रोकने और नियंत्रित करने और दर्द से राहत पाने के लिए योग चिकित्सा बहुत ही लाभकारी है।
बवासीर का उपचार आमतौर पर सूजन के स्तर पर निर्भर करता है। कभी-कभी बेहतर जीवनशैली और योग के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाओं से भी बवासीर को ठीक किया जा सकता है। गंभीर समस्या होने पर, सर्जरी करने की सलह भी दी जाती है।
बवासीर के लिए कुछ निम्नलिखित योगासन बताये गए हैं :-
Best 5 Yoga Asanas to help You Cure Piles ( बवासीर) at Home in Hindi
1. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana) Wind Relieving Pose
यह एक ऐसा आसन है जो प्रभावित क्षेत्र में ऊतकों(tissue)को खींचने और सिकोड़ने में मदद करता है। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और समय के साथ सूजन को कम करता है। यह पाचन तंत्र को सही करने में भी मदद करता है।
कैसे करें:-
- कमर की साइड से लेट जाएँ |
- दोनों पैरों को मोड़ें और घुटनो को मोड़ते हुए पेट की तरफ ले जाएँ और सेर को उठाते हुए घुटनो की तरफ लाएं|
- साँसों को खाली करते हुए दोनों हाथों को इंटरलॉक करके घुटनो को पकड़ें और नासिका से लगाने का प्रयास करेँ |
- कुछ देर इस स्तिथि को बनाएं रखें |
- 7 से 8 बार इस क्रिया को करेँ |
2. मूलबंधासन (Mulbandhasana) Root Lock Pose
मूलबंधासन को रूट लॉक पोज के रूप में जाना जाता है क्योंकि मूल का अर्थ है जड़, और बंध का अर्थ है ताला। बवासीर के लिए यह योग व्यायाम पेट और गुदा क्षेत्र की मांसपेशियों को खोलता है।इस आसन को पाइल्स के लिए उत्तम आसन माना जाता है क्योंकि यह प्रभावित क्षेत्र को प्रभावित करता है और उन्हें पूरी तरह से ठीक करता है।
कैसे करें:-
- वज्रासन में बैठ जाएँ |
- धीरे-धीरे अपने घुटनों को शरीर के दोनों ओर फैला लें।
- जब तक स्ट्रेच करें जब तक दर्द का एहसास न हो |
- हाथों को घुटनो के ऊपर रखें व हथेलियों का रुख ऊपर की तरफ हो |
- पैल्विक की मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें सिकोड़ने और छोड़ने की कोशिश करें।
- साँसों को भरते समय सिकोड़े और साँसों को खाली करते समय छोडे|
- इस मुद्रा में कुछ मिंटो तक रुकें |
- धीरे-धीरे वापिस आ जाएँ |
- बवासीर को ठीक करने के लिए रोजाना इस मुद्रा का अभ्यास करें।
3. विपरीत करनी (Viparita Karani) Legs up the Wall
यह आसन पेट की मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। यह गुदा क्षेत्र में अच्छी तरह से ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करता और रक्त परिसंचरण को सही से प्रवाह करता है और बवासीर को ठीक करने में मदद कर सकता है।
कैसे करें:-
- एक दीवार के सहारे लेट जाएँ |
- कूल्हों से नीचे पैरों को दीवार पर टिका लें |
- पंजों को सीधा तान क्र रखें |
- अगर आपको कोई परेशानी है तो कूल्हों के निचे एक तकिये को भी रख सकते हैं |
- हाथों को किसी भी आरामदायक स्तिथि में रख सकते हैं |
- इस आसन में अपनी क्षमता अनुसार रुकें व बाद में आराम करें।
4. बालासन(Balasana) Child Pose
यह आसन गुदा स्थान के आसपास की मांसपेशियों पर अच्छा दबाव डालता है और पाचन क्रिया को ठीक करता है।यह सूजन वाले क्षेत्रों में रक्त प्रवाह को ठीक करता है और लालिमा और दर्द को कम करने में मदद करता है।इस आसन को किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं।
कैसे करें:-
- बालासन करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं।
- सांस भरते हुए दोनों हाथों को सर से ऊपर ले जाएँ ।
- सर के सामने की तरफ हथेलियों को ज़मीन तक लाएं|
- गहरी लंबी सांस अंदर और बाहर लें।
- जब तक आप कर सकते हैं तब तक उस मुद्रा में रहे।
5. मलासन (Malasana) Garland Pose
यह आसन पाचन तंत्र को पुनर्स्थापित करता है।यह पाचन प्रक्रिया में शामिल सभी मांसपेशियों को सिकोड़ता और फैलाता है। बवासीर अक्सर कब्ज और पाचन तंत्र की समस्याओं के कारण होता है। मलासन कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। रोज़ाना इस आसन का अभ्यास करने से बवासीर की परेशानी में मदद मिलती है।
कैसे करें:-
- पैरों के बीच में गैप करके खड़े हो जाएँ |
- बिना आगे झुके धीरे-धीरे स्क्वाट पोजीशन में आ जाएँ|
- फुल स्क्वाट में आने के बाद दोनों हाथों को जोड़ते हुए सामने की तरफ ले आएं और नमस्ते करें|
- साँसों को लगातार लेते रहे|
- कुछ मिनटों के लिए अपने नितम्बों को ज़मीन से टच रखें |
- रिलैक्स करें |
- प्रतिदिन इस आसन का अभ्यास करें |
नोट:-
- हालांकि, डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि बवासीर के लिए नियमित रूप से योग करने से बवासीर पूरी तरह से ठीक हो सकता है और प्रभावी रूप से काफी राहत मिल सकती है।
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