How to do Kapalbhati Pranayama Step by Step | कपाल-भाति प्राणायाम | Breath Of Fire in Hindi

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How to do Kapalbhati Pranayama Step by Step | कपाल-भाति प्राणायाम | Breath Of Fire
How to do Kapalbhati Pranayama Step by Step | कपाल-भाति प्राणायाम | Breath Of Fire

How to do Kapalbhati Pranayama Step by Step | कपाल-भाति प्राणायाम | Breath Of Fire : अर्थ कपाल-भाति का अर्थ कपाल यानी खोपड़ी और भाति का अर्थ चमक प्रकाश है। जिस प्राणायाम से माथे या मस्तिष्क का तेज़  प्रकट हो वह प्राणायाम कपाल-भाति प्राणायाम कहलाता है।

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कपाल भाति प्राणायाम करने की सही विधि | Kapalbhati Pranayama Karne Ki Sahi Vidhi |How To Do Kapalbhati Pranaayama In Hindi

  • इस प्राणायाम में आप श्वास धीरे-धीरे लेते है और श्वास छोड़ने की गति तेज़ होती है ।
  • सामान्य सांस लें करें व पूरा ध्यान सांस छोड़ने की क्रिया में लगाएं। अर्थात् शक्तिपूर्वक श्वास बाहर निकालें।
  • आराम से श्वास लें और रेचक गतिपूर्वक करें ।
  • इस आसन में आप दोनों नेत्रों को बंद ध्यान मुद्रा में चले जाए ।
  • ताजगी व शक्ति का अनुभव करें ।

कपाल भाति प्राणायाम से मिलने वाले लाभ | Kapalbhati Pranayama Se Milne Waale Labh| Benefits of Kapalbhati Pranayama in Hindi  

  • मधुमेह और कब्ज़ का शमन होता है।
  • मस्तिष्क रोगों में फायदा मिलता है।
  • मोटापा कम करता है।
  • शरीर का वज़न संतुलित करता है।
  • कई असाध्य बीमारियों को ठीक करता है।
  • कैंसर जैसे भयानक रोग में भी लाभकारी ।
  • श्वास की गति बलपूर्वक होने के कारण डायफ्राम में संकुचन एवं फैलाव के कारण समस्त पेट के प्रदेश को लाभ पहुचाता है
  • जैसे गुर्दा, आमाशय अग्नाशय, यकृत, प्लीहा, गर्भाशय आदि सभी अंग सुव्यवस्थित होते हैं।
  • ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है |
  • जिनका वज़न कम होता है उनका वज़न संतुलित होता है |
  • शरीर में ऊर्जा जाग्रत होती है |
  • शरीर के विजात्विय तत्व बाहर निकलते है |
  • मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है |
  • पेट की मांसपेशियों मज़बूत होती है |
  • हीमोग्लोबिन बढ़ता है जिससे खून की कमी पूरी होती है |
  • फेफड़े खुलते है |
  • ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल में रहता है |

कपाल भाति प्राणायाम करने की सावधानियाँ|Kapalbhati Pranayama Karne Ki Savdhaniyan | Precautions While Doing Kapalbhati Pranayama In Hindi

  • मोतियाबिंद (नेत्र-रोग) से पीड़ित हों या कान में पीप व्गेरह या अन्य बीमारी हो तो न करें।
  • उच्च रक्तचाप हृदयरोगी, चक्कर आना, गैस्ट्रिक अल्सर पीड़ित व्यक्ति विवेक का उपयोग करते हुए धीरे धीरे करें |

नोट :-

  • इस को कुछ विद्वान प्राणायाम के नाम से जानते है जबकि कुछ विद्वान इसे षट्कर्मों की क्रिया कहते है |
  • इस प्राणायाम को एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति 120 प्रति मिनट कर सकता है | और 3 मिनट से लेकर 15 मिनट तक कर सकता है |
  • यदि रोग ज़्यादा हो तो आधा घंटा , एक घंटा रोजाना कर सकते है |

विशेष :

  • अधिक लाभ के लिए कपाल भाति प्राणायाम अधिक बार कर सकते हैं। चक्कर आने या किसी प्रकार की परेशानी महसूस होने पर रोक दें और शवासन करें।
  • श्वास बाहर निकालते समय यह विचार करें कि हमारे शरीर के विकार, समस्त प्रकार के रोग, भय, अज्ञान, क्रोध, मान, माया, लोभ एवं दुःख दूर हो रहे हैं और मैं शारीरिक, मानसिक एवं अध्यात्मिक रूप से सुखी हो रहा हूँ।

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