Top 5 Yoga poses to relief Breathing Problems in Hindi | सांस लेने में तकलीफ से राहत दिलाते है ये 5 योगासन: योगासन शारीरिक स्थिति और सही सांस लेने एक संयोजन है जिसका उद्देश्य शरीर और दिमाग का समग्र संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। योग के अनुसार, ‘श्वास’ को ‘प्राण’ के रूप में भी जाना जाता है, जो हमारे जीवन को नियंत्रित करने वाली सभी ऊर्जा को जीवन शक्ति देता है। किसी भी प्रकार के योग के मामले में सही तरीके से सांस लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर इसे ठीक से नहीं किया गया तो यह शरीर की नाड़ियों को नुक्सान भी पहुंचा सकता है और अत्यधिक दर्द शरीर में हो सकता है।
- जैसा कि दुनिया कोरोनावायरस (Covid-19) संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, फेफड़ों को मजबूत करना बहुत ज़रूरी है।
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और स्वच्छता बनाए रखने के अलावा, किसी भी संक्रमण से बचने के लिए फेफड़ों को स्वस्थ रखना आवश्यक है।फेफड़ों और सांस के रास्ते में ज़्यादा कफ शरीर को रोगी बना सकते है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन अभी भी है, योगासन करने का यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि यह न केवल फेफड़ों में बलग़म को तोड़ने में मदद करता है बल्कि इसे शरीर से बाहर भी निकालता है।
- योगासन प्रभावी रूप से सांस पर नियंत्रण पाने, सांस लेने की आदतों को सुधारने और ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करते हैं। खड़े, बैठे या लेटने से न केवल पीठ, जांघ और पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि ऑक्सीजन और फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है। यदि नियमित रूप से अभ्यास किया जाता है, तो ये आसन साँस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को लंबा करके श्वास को शुद्ध करने में मदद करते हैं, फेफड़ों की मांसपेशियों में मजबूत बनाते हैं, और विभिन्न रोग जैसे खांसी-सर्दी, साइनस, अस्थमा आदि को ठीक करने में मदद करते हैं।
फेफड़ों को मज़बूत व स्वस्थ और कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए इन योग मुद्राओं का अभ्यास करें:
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सुखासन (Sukhasana)crossed leg sitting pose
कैसे करें :-
- ध्यान मुद्रा में बैठें।
- अपनी सीधी कलाई को अपने उलटे हाथ से पीठ के पीछे पकड़ें।
- अपने कंधों को पीछे खींचते हुए और अपनी छाती को चोड़ायें।
- आगे की ओर झुकते हुए सांस छोड़ें और अपने सीधे माथे की तरफ से अपने सीधे घुटने से छूने की कोशिश करें।
- श्वास लें और पहली स्थिति में लौट आएं।
- दूसरी तरफ से दोहराएं।
सुखासन से मिलने वाले फायदे:-
- यह फेफड़ों में रक्त के प्रवाह को ठीक करता है और फेफड़ों की मांसपेशियों से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है।
- यह आसन ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है साथ ही साथ श्वसन संबंधी विकारों खांसी और सर्दी ठीक करता है।
- इसका नियमित अभ्यास करने से तनाव और चिंता भी कम होती है।
2.भुजंगासन (bhujangasana) Cobra Pose
कैसे करें :-
- पेट की तरफ से लेट जाएँ|
- पैरों को मिलाएं |
- हाथों को छाती के बराबर में रखें |
- एंव सांस भरते हुए कोहनियों को सीधा करें |
- अपने क्षमता अनुसार रुकें |
- 10 से 15 बार तक इसे दोहराएं |
भुजंगासन से मिलने वाले फायदे :-
- ये आसन मानसिक शांति में सुधार करती है एंव मन को भी मजबूत करती है|
- छाती और फेफड़ों को फैलाने में मदद करती है।
- रीढ़ को मजबूत करता है और दमा जैसे रोग से राहत दिलाता है।
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मत्स्यासन (Matsya asana) Fish Pose
कैसे करें :-
- अपनी पीठ के सहारे लेट जाएँ ।
- हाथों को कूल्हों के नीचे रखें। कोहनियों को एक दूसरे के करीब रखें ।
- सांस भरते हुए, सिर और छाती को ऊपर उठाएं।
- छाती को ऊपर उठाते हुए, सिर को पीछे की ओर सिर के शीर्ष को फर्श से स्पर्श करें।
- कोहनी को जमीन पर जोर से दबाएं, शरीर का वजन कोहनी पर रखें सिर पर नहीं।
- अपनी छाती को ऊपर उठाएं। जांघों और पैरों को ज़मीन की तरफ रहने दें ।
- अपनी क्षमता अनुसार आसन में रुकें और धीरे-धीरे वापिस आ जाएँ |
मत्स्यासन को करने के फायदे:-
- “सभी रोगों को नष्ट करने वाले” के रूप में जाना जाता है, मछली की मुद्रा फेफड़ों की मांसपेशियों को खींचकर और मजबूत करके गहरी सांस लेने में मदद करती है।
- यह शरीर को संतुलन करनरे में भी मदद करता है |
- पूरे शरीर में रक्त का बेहतर संचलन बनाता है।
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पद्म सर्वांगासन (Padma Sarvangasana) Lotus Shoulder Pose
कैसे करें:-
- पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर ले जाएँ |
- पैरों को इतना ऊपर ले जाएँ की आप अपने कंधो पर आ जाएँ |
- पैरों को ऊपर ले जाकर पद्मासन(सीधा पैर मोड़कर उलटे पैर की जांघ पर एंव उल्टा पैर मोड़कर सीधा पैरकी जांघ पर) लगा लें|
- अपने हाथों से पीठ को सहारा दें |
- साँसों को रोकते हुए इसी स्तिथि में रुकें |
- अपने पैरों को धीरे सामने की ओरलाएं एंव निचे ले आएं |
पद्म सर्वांगासन करने के फायदे:-
- ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है |
- शरीर के ऊपरी हिस्से को घुमाना आंतरिक अंगों के लिए मालिश का काम करता है, जिससे विजातविये तत्व बाहर निकलते है।
- ये संतुलन एंव पाचन तंत्र को ठीक करता है |
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अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana) Sitting Half Spinal Twist
कैसे करें:-
- अपने पैरों को फैला कर बैठें।
- अपने घुटनों को मोड़ें। दाएं घुटने को चटाई पर मोड़ें और पैर को अपने बाएं कूल्हे के पास लाएं।
- बाएं टखने को दाएं घुटने के करीब लाने का प्रयास करें।
- अपने बाएं हाथ को ऊपर उठाएं।
- इसे वापस लें और अपने हाथ को अपने कूल्हे के पीछे मैट पर रखें।
- दाएं हाथ को उपर की ओर उठाएं। बाएं ओर की जांघ पर इसे कम करें क्योंकि आप बाईं तरफ की और होते हैं।
- अपनी गर्दन को अपनी क्षमता अनुसार पीछे की तरफ मोड़ें ओर पीछे की तरफ देखें।
- इस मुद्रा में १ मिनट तक रुकें।
- प्रारंभिक स्तिथि में वापिस आ जाएँ और दूसरी तरफ से कोशिश करें।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने के फायदे:-
- सांस लेने में तकलीफ और तनाव से राहत दिलाने में यह आसन बेहद फायदेमंद है।
- शरीर में फेफड़ों की मांसपेशियों को बढ़ाती है और फेफड़ों में ऑक्सीजन के बेहतर संचलन करता है।
- यह पीठ दर्द और जकड़न से राहत दिलाने में मदद करता है।
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